| 1. | कान-साँपों के बाह्य कर्ण नहीं होते हैं ;
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| 2. | बाह्य कर्ण (External ear)
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| 3. | इसके बाह्य कर्ण बड़े, गतिशील तथा श्रवण शक्ति अत्यधिक तीव्र होती है।
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| 4. | इसके बाह्य कर्ण बड़े, गतिशील तथा श्रवण शक्ति अत्यधिक तीव्र होती है।
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| 5. | इसके बाह्य कर्ण बड़े, गतिशील तथा श्रवण शक्ति अत्यधिक तीव्र होती है।
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| 6. | नाक में पालिपों के कारण एवं बाह्य कर्ण गुहर में किसी इतर पदार्थ की मौजूदगी से भी छींक आती है।
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| 7. | यह खांचा (ग्रूव) बाह्य कर्ण कुहर के अन्दरूनी सिरे (inner end) की परत पर स्थित होता है।
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| 8. | यह मानव की बाह्य कर्ण नलिका की त्वचा को सुरक्षा प्रदान करता है साथ ही यह सफाई और स्नेहन में भी सहायता करता है।
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| 9. | पूरा बाह्य कर्ण कुहर रोमिल त्वचा से अस्तरित होता है, जो कर्णपाली को आच्छादित करने वाली त्वचा के सातत्य में ही रहता है।
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| 10. | यह बाह्य कर्ण एवं मध्य कर्ण के बीच बंटवारा (partition) करने वाली चौरस कोन आकार की एक पतली फाइबर्स सीट होती है।
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